गर्मियों में बेल का शरबत पीने के हैं अनगिनत फायदे। जानिए बेल का जूस पीने का सही तरीका, फ़ायदे और नुकसान।

bel ka sarbat


दोस्तों आप सभी ने कभी ना कभी बेल का पेड़ अवश्य देखा होगा और साथ ही साथ आपने इस पर लगने वाले फलों को भी देखा होगा। लेकिन क्या आप जानते हैं आयुर्वेद के अनुसार बेल का रस सेवन करने से हमें क्या-क्या स्वास्थ्य लाभ प्राप्त होते हैं? 
अगर नहीं जानते हैं तो इस लेख को पूरा पढ़िएगा क्योंकि आज हम इस लेख में बेल-शरबत के ढेरों फायदों के बारे में  विस्तार पूर्वक चर्चा करेंगे।

बेल का परिचय -introduction of bael

दोस्तों बेल को संस्कृत भाषा में बिल्व कहा जाता है तथा हिंदी में इसे श्रीफल भी कहा जाता है। प्राचीन काल से ही बेल का प्रयोग ऋषि मुनियों के द्वारा औषधि के रूप में किया जाता रहा है। कुछ ऐसे ऋषि मुनि भी थे जो अन्न त्याग करके तपस्या आदि किया करते थे।

शरीर को तरोताजा व ऊर्जावान बनाए रखने के लिए वे बेल के मौसम में बेल के फलों को खाया करते थे और इसका शरबत बनाकर भी पिया करते थे।
किंतु जब बेल के फलों का मौसम नहीं होता था तो वे बेल के पत्तों को स्वच्छ जल में पीसकर शरबत बनाते थे और इसका सेवन करते थे। इस प्रकार वे वर्ष भर बेल के पेड़ से ही अपना भोजन प्राप्त करते थे।

इसके अलावा जब जंगल में कोई किसी कारण से घायल हो जाता था तो बेल की पत्तियों को पीसकर रोगी के घाव पर बांधा जाता था। बेल की पत्तियां शीतलता प्रदान करती हैं और घाव को जल्दी सुखाने में मदद करती हैं। इसलिए बेल को जंगल की एंटीबायोटिक औषधि भी कहा जाता है।


बेल का पेड़ कैसा होता है?

दोस्तों बेल का पेड़ सामान्य पेड़ से बिल्कुल अलग होता है। इस पेड़ पर मोटे-मोटे कांटे पाए जाते हैं जो पैरों में यदि चुभ जाए तो असहनीय पीड़ा और घाव पैदा करते हैं। यही कारण है कि कोई भी पशु पक्षी इस पेड़ को नुकसान बिल्कुल भी नहीं पहुंचा पाता है।

बेल एक ऐसा पेड़ है जिसको सिंचाई की बिल्कुल आवश्यकता नहीं होती है। बेल का पेड़ दुर्गम से दुर्गम परिस्थितियों में भी जीवित रह लेता है। इसके फलों का आकार एक छोटे बच्चे के सिर से लेकर एक व्यस्क के सिर के बराबर भी होता है। यह फल काफी कठोर होते हैं तथा पेड़ से यह मजबूती से जुड़े रहते हैं।

इन फलों को तोड़ने पर इनके अंदर से पीला गूदा निकलता है और साथ ही साथ इसमें एक चिपचिपा सा द्रव भी निकलता है। बेल के पेड़ पर फल मुख्य रूप से गर्मियों में पक कर तैयार हो जाते हैं। इन फलों के पकने पर इनमें एक बहुत अच्छी सुगंध उत्पन्न हो जाती है।

बेल के पेड़ दो प्रकार के होते हैं एक प्रकार के पेड़ में मीठे फल लगते हैं व एक अन्य प्रकार के पेड़ में कड़वे फल लगते हैं। लो अक्सर मीठे फलों वाले बेल का पेड़ अपने घरों के आसपास लगाते हैं। बेल के पेड़ में सफेद रंग के फूल खिलते हैं जो देखने में अति मनभावन हो लगते हैं।

बेल के फायदे -benefits of bael

दोस्तों बेल का प्रयोग पेट के लिए अमृत के समान है। पेट की हर तरह की परेशानी (जैसे कब्ज आज दस्त अतिसार आदि) का समाधान बेल बखूबी तरीके से करता है।

बेल का शरबत कब्ज को दूर करता है -benefits of bael in constipation

बेल के शरबत का मात्र एक गिलास सेवन करने से आपको इसका फर्क दिखने लगता है। बेल में नेचुरल लुब्रिकेंट होने के कारण या पेट के मलको बाहर निकालने में बहुत सहायता करता है।

बेल के शरबत का कोलाइटिस में लाभ -benefits of bael in colitis

जी हां दोस्तों बेल का शरबत कोलाइटिस के मरीजों के लिए भी वरदान माना गया है। कोलाइटिस के मरीजों को अक्सर डॉक्टर बिलाजील का सेवन करने के लिए कहते हैं।
बिलाजील नामक यह औषधि बेल के गोदे का प्रयोग करके बनाई जाती है। इस औषधि का 1 से 3 माह तक का सेवन कोलाइटिस से हमेशा के लिए छुटकारा दिला देता है।

बेल के शरबत का दस्त और डायरिया में लाभ -benefits of bael in diarrhoea

जी हां दोस्तों बेल का शरबत दस्त और डायरिया में चमत्कारी लाभ पहुंचाता है। रोगी को बेल का शरबत बनाकर 2 से 3 घंटे के अंतराल में पिलाने से उसकी हालत में तेजी से सुधार होने लगता है।

बेल के शरबत का सेवन करने से रोगी के शरीर में महसूस होने वाली शारीरिक थकान भी जल्द दूर होने लगती है। दस्त और डायरिया के रोग में बेल की पत्तियों का शरबत भी जबरदस्त लाभ पहुंचाता है। बेल की पत्तियों का रस शरीर को तरोताजा करता है और ऊर्जावान बनाता है।

गैस और कब्ज की समस्या में बेल के शरबत के लाभ -benefits of bael in gas trouble

जी हां दोस्तों जो व्यक्ति गैस और कब्ज की समस्या से लंबे समय से परेशान हैं और जिनकी यह बीमारी क्रॉनिक बन गई है उनके लिए बेल के शरबत का प्रयोग एक रामबाण औषधि की तरह काम करता है।
बेल के शरबत का नियमित रूप से सेवन करने से पेट के समस्त विकार जैसे गैस, कब्ज और अपच का संपूर्ण निदान हो जाता है। गैस और कब्ज की समस्या को दूर करने के लिए बेल की कैंडीज का भी प्रयोग कर सकते हैं।


शरीर की बढ़ी हुई गर्मी को दूर करें -benefits of bael in excess body heat

जी हां दोस्तों बेल एक शीतल प्रकृति की औषधि है इसलिए यह उन व्यक्तियों के लिए भी अत्यंत लाभकारी है जिनके शरीर का तापमान अनावश्यक रूप से थोड़ा बड़ा हुआ रहता है। ऐसे व्यक्ति यदि बेल का सेवन निरंतर रूप से करते हैं तो उनके शरीर की यह अतिरिक्त गर्मी जल्द दूर होने लगती है तथा हाथ और पैर में होने वाली जलन से भी छुटकारा मिल जाता है।

 नयी माताओं के लिए बेल का शरबत पीने के लाभ -benefits of bael for postpartum mothers

जिन माताओं ने अभी हाल ही में शिशु को जन्म दिया है उनके लिए बेल का शरबत पीना बहुत ही गुणकारी माना गया है। बेल का शरबत माता के स्वास्थ्य को बढ़ाने के साथ-साथ उनके स्तनों में दुग्ध की भी वृद्धि करता है। विटामिन ए से भरपूर होने के कारण बेल का शरबत रोग प्रतिरोधक क्षमता में भी विस्तार करता है।

खून साफ करने में बेल के शरबत के लाभ -benefits of bael in blood purification

जी हां दोस्तों बेल का शरबत खून की खराबी को भी दूर करता है। बेल के रस में थोड़ा गुनगुना पानी और शहद मिलाकर सेवन करने से रक्त शुद्ध होता है व शरीर दीर्घायु बनता है।

पेचिश में बेल के शरबत के लाभ -benefits of bael in latch

जी हां दोस्तों पेचिश रोग को दूर करने के लिए भी बेल का प्रयोग किया जाता है। पेचिश रोग को दूर करने के लिए कच्चे बेलों को आग पर सुखा कर और इसमें थोड़ी मात्रा में शक्कर और शहद मिलाकर रोगी को सेवन कराया जाता है। यह नुस्खा पेचिश रोग को जल्द ठीक कर देता है।

बेल का शरबत बनाने की विधि -how to make bel juice at home

दोस्तों बेल का शरबत बनाना बहुत ही आसान है इसके लिए किसी मिक्सर या जूसर की आवश्यकता भी नहीं पढ़ती है।

आवश्यक सामग्री (necessary ingredients)

  • बेल = 1 फल 
  • चीनी = 200 ग्राम
  • ठंडा पानी = 3 से ४ गिलास
  • काला नमक = १ छोटा चम्मच
  • भुना हुआ जीरा = १ छोटा चम्मच
  • नींबू = १/२ भाग

शरबत बनाने की विधि (Method to make bel juice)

सबसे पहले पके हुए बेल के फल को तोड़कर उसके दो या अधिक भाग कर ले। इसके पश्चात किसी चाकू या बड़े चम्मच की सहायता से बेल के गूदे को निकाल ले।

ध्यान रहे बेल के बीजों को फेंकना नहीं है उनको अभी साथ रखना है। अब एक बड़े बर्तन में पानी को लेकर उसमें बेल के गूदे को डालें। बेल के गूदे को पानी में डालकर हाथों से अच्छी तरह से मसले जब तक की बीज अलग ना हो जाए।
अब इसमें आप आइस क्यूब भी डाल सकते हैं। इसके पश्चात बेल के रस को किसी छन्नी य साफ कपड़े की सहायता से छान लीजिए। अब इस छाने हुए बेल के रस में भुना हुआ जीरा, आधा नींबू का रस, काला नमक, और चीनी आदि मिलाकर अच्छे से हिला लीजिए।

लीजिए तैयार है आपका स्वादिष्ट और मीठा बेल का शरबत। आप इस रेसिपी का प्रयोग मेहमानों के आगमन पर भी कर सकते हैं।




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Ashok Kumar

हैलो दोस्तों, मेरा नाम अशोक कुमार है। मैं www.aushadhiauryog.com का फाउंडर हूं। मैं उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ जिले से हूं। मैंने अपनी स्कूली शिक्षा आपने होम टाउन से ग्रहण की और इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद ब्लॉगिंग में करियर की शुरुआत सन 2015 से की है। साथ ही साथ मैं यूट्यूब पर भी विडियोज बनाता हूं। मुझे आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा का ज्ञान आप सभी के साथ शेयर करना बहुत पसंद है। कृपया आप सभी हमारे परिवार का हिस्सा बनें और औषधि और योग की धरोहर को आगे बढ़ाने में हमारा सहयोग करें। धन्यवाद।

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