भांग के अलावा लोग इस शरबत में काजू, बादाम और दूध आदि का भी बखूबी प्रयोग करते हैं। महाशिवरात्रि के अवसर हो या फिर कोई सामान्य दिन महादेव के भक्त गण शिवलिंग पर जल के साथ भांग को अर्पित करना अत्यंत फलदायक मानते हैं।
इन सब बातों के अतिरिक्त आपको यह जानकर हैरानी होगी कि प्राचीन काल में भांग का प्रयोग विभिन्न रोगों का उपचार करने के लिए किया जाता था।
एक अध्ययन के मुताबिक भांग में कई औषधीय गुण पाए जाते हैं, इसलिए यदि भांग का थोड़ी मात्रा में संतुलित उपयोग किया जाए तो या हमें बहुत से रोगों से आसानी से छुटकारा दिला सकता है।
भांग खाने का सीधा असर हमारे मस्तिष्क और नर्वस सिस्टम पर पड़ता है इसलिए इसका प्रयोग बहुत ही सावधानी पूर्वक करना चाहिए, कई मामलों में भांग का अंधाधुंध सेवन करना अत्यंत हानिकारक साबित हो सकता है।
भांग का परिचय
भांग को अंग्रेजी भाषा में कैनाबिस, मैरीजुआना और वीड भी कहा जाता है। इसमें प्रचुर मात्रा में टेट्रा हाइड्रोकार्बन बिनोल पाया जाता है जिसे THC भी कहते हैं।
भांग का हमारे शरीर पर असर
दोस्तों लोग भांग पीने के बाद अक्सर अजीब सा असर महसूस करते हैं। विभिन्न लोगों पर इसका अलग-अलग असर देखने को मिलता है। ऐसा देखा गया है कि जो व्यक्ति भांग खाने के बाद हंसने लगते हैं वह हंसते ही जाते हैं और जो रोने लगते हैं वह रोते ही रहते हैं।
भांग खाने के बाद कुछ व्यक्तियों को हवा में उड़ने का एहसास होता है तो कुछ व्यक्तियों को ऐसा लगता है कि वह पाताल में धसे जा रहे हैं। ऐसा भांग में मौजूद एक रसायन dopamine के कारण होता है। डोपामिन को हैप्पी हार्मोन भी कहा जाता है क्योंकि यह हमारे मन की स्थिति को नियंत्रित करता है और हमें ख़ुशी का एहसास दिलाता है।
भांग कैसे काम करती हैं?
दोस्तों लोग भांग को अक्सर पीसकर शरबत के रूप में या फिर भांग के पत्ते सुखाकर इसको बीड़ी के रूप में प्रयोग करते हैं। धुएं के रूप में जब भांग तेजी से शरीर में प्रवेश करती है तो यह तुरंत ही अपना असर दिखाती है क्योंकि हमारे मस्तिष्क और फेफड़े इसका शोषण शीघ्र कर लेते हैं।
भांग मस्तिष्क के सोचने समझने की क्षमता को कम कर देती है और हम अपने आसपास के माहौल को महसूस नहीं कर पाते हैं। नशे के रूप में लंबे समय तक भांग का सेवन हमारे मस्तिष्क पर घातक प्रभाव डालती है। भांग का ओवरडोज लेने पर ब्लड-प्रेशर बढ़ जाता है और हार्ट-अटैक की संभावना भी बढ़ जाती है। कुछ व्यक्तियों का स्वसन-तंत्र भी बाधित हो जाता है।
यदि गर्भावस्था के दौरान महिलाएं इसका सेवन करती हैं तो उनके पेट के अन्दर पल रहे शिशु पर भी इसका अत्यंत बुरा प्रभाव पड़ता है। इसलिए जितना संभव हो सके हमें भांग के नशे से बचना चाहिए।
भांग के औषधीय गुण
दोस्तों भांग एक वनस्पति औषधि है। इसे intoxicating hemp भी कहा जाता है। भांग की कई प्रजातियां पाई जाती हैं किंतु हर प्रकार की भांग की प्रजाति सेवन योग्य नहीं होती है। ऐसी ही एक प्रजाति का नाम है भंगेड़ा, जिसका प्रयोग बिल्कुल भी नहीं किया जाता है। भांग की कुछ प्रजातियों से भांग का दूध भी निकाला जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार भांग का यदि सही प्रयोग किया जाए तो हमें निम्न स्वास्थ्य लाभ प्राप्त हो सकते हैं
- भांग की पत्तियों का रस, कान में टपकाने से कान दर्द ठीक हो जाता है।
- बहुमूत्र की समस्या को भी भांग के द्वारा ठीक किया जाता है।
- भांग का इस्तेमाल करके मस्तिष्क रोगों का इलाज करना भी संभव हो गया है।
- भांग का प्रयोग करके स्मरण शक्ति में भी सुधार लाया जा सकता है।
- भाग का प्रयोग करके चिंता, तनाव, अवसाद आदि का भी इलाज किया जा सकता है।
- भांग की पत्तियों की सिकाई करके उनको अंडकोष पर बांधने से हाइड्रोसील की समस्या समाप्त की जा सकती है।
आपके सवाल और हमारे जवाब (QnA)
प्रश्न- क्या गांजा और भांग एक ही पौधे का नाम है?
उत्तर- जी बिल्कुल नहीं, गांजा भांग की ही प्रजाति का एक पौधा है जो भांग की तुलना में अधिक मादकता रखता है। गांजा में THC की मात्रा भांग के मुकाबले कई गुना अधिक होती है। इसलिए इसका सेवन और भी ज्यादा खतरनाक होता है।
प्रश्न- क्या गांजा और भांग का सेवन करना गैर कानूनी है?
उत्तर- जी हां, भारत में गांजा का सेवन करना व इसकी खरीद-फरोख्त करना पूरी तरह से गैरकानूनी है, परंतु आपको भांग, भांग की सरकारी दुकानों पर देखने को मिल जाती हैं।
प्रश्न- क्या लंबे समय तक भांग का सेवन करना उचित है?
उत्तर- बिल्कुल नहीं, भांग एक नशीली वनस्पति है इसलिए इसका प्रयोग लंबे समय तक करना हमारे स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डालता है।
प्रश्न-क्या चिकित्सीय देखरेख में भांग का प्रयोग किया जा सकता है?
उत्तर-जी हां, डॉक्टर की देखरेख में औषधि के रूप में भांग का प्रयोग, अल्प मात्रा में कुछ समय तक किया जा सकता है।
Disclaimer: इस लेख में दी गयी समस्त जानकारी केवल सूचना के उद्देश्य से है , हम किसी भी तथ्य के पूर्णतः सत्य या मिथ्या होने का दावा नहीं करते। दी गयी जानकारी का स्त्रोत विभिन्न पुस्तकें, स्वास्थ्य-सलाहकार व कुछ व्यक्तियों के अनुभव हैं, पाठक कृपया स्व-विवेक से काम लें , किसी भी नुकसान के प्रति हमारी किसी भी प्रकार से कोई जिम्मेवारी नहीं होगी, धन्यवाद।
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Source: bbc.com