जानिए लाजवंती अर्थात छुईमुई के चमत्कारी फायदे

chui mui ke fayde


नमस्कार दोस्तों स्वागत है आप सभी का एक बार फिर से औषधि और योग में। दोस्तों क्या आप भी मधुमेह, बवासीर, मूत्र विकार, त्वचा रोग या ऐसे ही अन्य प्रकार की समस्याओं से परेशान हैं तो बिल्कुल घबराइए नहीं, क्योंकि इन सभी रोगों का इलाज एक साधारण से दिखने वाले पौधे में मिल गया है। जी हां दोस्तों इस पौधे का नाम है- छुईमुई अर्थात लाजवंती। आज हम इस ब्लॉग के माध्यम से लाजवंती के चमत्कारी फायदों के बारे में चर्चा करेंगे-

लाजवंती अर्थात छुईमुई का परिचय-

दोस्तों लाजवंती अर्थात छुईमुई एक दुर्लभ प्रकार का पौधा है। छुईमुई अर्थात लाजवंती का वैज्ञानिक नाम मिमोसा पुडिका (Mimosa Pudica) है, इसकी पत्तियां देखने में लगभग इमली के पौधों की पत्तियों जैसी होती है। खास बात यह है कि छुईमुई के पत्तियों को छूने से या थोड़ी देर के लिए आपस में सिकुड़ जाती हैं किंतु थोड़ी देर बाद यह पुनः सामान्य अवस्था में आ जाते हैं। दोस्तों छुईमुई की पहचान इसी प्रकार इसके पौधों को छूकर की जाती है। छुईमुई के पौधों में खूबसूरत गुलाबी रंग के छोटे-छोटे पुष्प पाए जाते हैं। इन पुष्पों के साथ में बहुत छोटे और बारीक किस्म के कांटे भी देखने को मिलते हैं। दोस्तों आइए जानते हैं छुईमुई के फायदे यह किन किन रोगों में लाभ पहुंचाती है इसका प्रयोग हमें किस प्रकार करना चाहिए-

  • खूनी पेचिश को दूर करने हेतु छुईमुई का प्रयोग :

जी हां दोस्तों छुईमुई अर्थात लाजवंती का प्रयोग खूनी दस्त को ठीक करने के लिए भी किया जाता है। यदि कोई व्यक्ति खूनी पेचिश अर्थात रक्त अतिसार से पीड़ित है तो उसे 3 ग्राम छुईमुई की जड़ के चूर्ण को दही के साथ मिलाकर खिलाने से जल्द ही खूनी पेचिश बंद हो जाती है।

  • मधुमेह ।डायबिटीज में छुईमुई के फायदे :

जी हां दोस्तों छुईमुई के प्रयोग मधुमेह रोग दूर करने के लिए भी किया जाता है। इसके लिए 10 ग्राम छुईमुई की जड़ को 250 मिली लीटर पानी के साथ मिलाकर इसका काढ़ा बनाना चाहिए। जब काढ़ा 50 ग्राम शेष रह जाए, तो इसे आग से उतार करवा ठंडा करके सुबह-शाम रोगी को सेवन कराना चाहिए। इस प्रयोग को कुछ सप्ताह करने से डायबिटीज अर्थात मधुमेह पर नियंत्रण पाया जा सकता है।

  • बवासीर को दूर भगाए छुईमुई :

दोस्तों अगर आपको भी अधिक फास्ट-फूड के सेवन करने से या लंबे समय से कब्ज की समस्या के कारण बवासीर हो गई है तो आपको बिल्कुल भी घबराना नहीं चाहिए।
छुईमुई के पौधे में बवासीर का भी इलाज छुपा हुआ है, बवासीर को दूर करने के लिए लाजवंती अर्थात छुईमुई के पत्तों और जड़ का एक चम्मच चूर्ण लेना चाहिए और इसे एक कप दूध में मिलाकर सुबह-शाम रोगी को पिलाने से, बवासीर रोग चमत्कारी ढंग से कुछ ही सप्ताह में दूर हो जाता है।
भगंदर की समस्या में भी यह नुस्खा समान रूप से लाभकारी पाया गया है।

  • छुईमुई करें मूत्र विकारों को दूर :

दोस्तों जिन व्यक्तियों को बहुमूत्र की समस्या है यदि वे छुईमुई के पत्तों को पीसकर इसका लेप मूत्राशय अर्थात ब्लेडर प्रदेश में करते हैं तो, उन्हें बहुत लाभ मिलता है तथा उनकी बहुमूत्र की यह समस्या जल्द ठीक हो जाती है।

  • त्वचा रोगों में छुईमुई के लाभ :

जी हां दोस्तों अगर आप भी किसी प्रकार के त्वचा रोग यह त्वचा संक्रमण से परेशान हैं तो एक बार छुईमुई के पत्तों का लेप अवश्य आजमाएं। छुई मुई अर्थात लाजवंती में एंटीमाइक्रोबियल्स, एंटी फंगल, एंटी वायरल और गुण पाए जाते हैं। यही कारण है कि यह अवश्य दी त्वचा रोगों के संक्रमण में भी शीघ्रता से कार्य करती है। इसके साथ ही साथ यह त्वचा की जलन को दूर करके शीतलता भी प्रदान करती है।

  • छुईमुई करे ढीले स्तनो सुडौल :

जी हां दोस्तों स्तनपान कराने या बढ़ती उम्र के साथ साथ जिन महिलाओं के स्तन ढीली हो कर लटक चुके हैं उनके लिए छुईमुई किसी रामबाण औषधि से कम नहीं है। यदि ऐसी महिलाएं अपने स्तनों पर कुछ सप्ताह तक छुईमुई के पत्तियों का रस और लेप लगाती हैं तो उनके स्तनों में पुनः कसावट आनी शुरू हो जाती है। कुछ सप्ताह के प्रयोग के बाद स्तन सुडौल और आकर्षक बन जाते हैं। दोस्तों यही कारण है कि यह नुस्खा गांव देहात की महिलाओं में अत्यधिक लोकप्रिय है।
दोस्तों इसके अलावा छुईमुई अर्थात लाजवंती के अनेकों लाभ हैं। इस पौधे का पूरा लाभ लेने के लिए आप इसे अपने घर में गमलों में लगा सकते हैं। छुईमुई के पौधों का प्रयोग अक्सर लोग सजावट के लिए भी करते हैं। यह पौधा दुर्गम परिस्थितियों में भी स्वयं को सुरक्षित रख सकता है।



इसे भी पढ़ें : धतूरे के अनसुने व हैरतअंगेज फायदे (health benefits of dhatura in hindi)
इसे भी पढ़ें : 300 बीमारियों का काल है सहजन (moringa health benefits in hindi)
इसे भी पढ़ें : भांग खाने के अद्भुत फायदे (health benefit of bhang/ intoxicating hemp)



Ashok Kumar

हैलो दोस्तों, मेरा नाम अशोक कुमार है। मैं www.aushadhiauryog.com का फाउंडर हूं। मैं उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ जिले से हूं। मैंने अपनी स्कूली शिक्षा आपने होम टाउन से ग्रहण की और इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद ब्लॉगिंग में करियर की शुरुआत सन 2015 से की है। साथ ही साथ मैं यूट्यूब पर भी विडियोज बनाता हूं। मुझे आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा का ज्ञान आप सभी के साथ शेयर करना बहुत पसंद है। कृपया आप सभी हमारे परिवार का हिस्सा बनें और औषधि और योग की धरोहर को आगे बढ़ाने में हमारा सहयोग करें। धन्यवाद।

Post a Comment

Thank You.

Previous Post Next Post