अभी हाल ही में हुए मद्रास मेडिकल मिशन के अध्ययन के अनुसार यह बात जांच में पता चली है कि जिन व्यक्तियों को मधुमेह की बीमारी है उनके बच्चों को मधुमेहका रोग 10 वर्ष पहले होने की संभावना रहती है।
अर्थात किसी व्यक्ति को मधुमेह की बीमारी यदि 40 वर्ष की उम्र में लगी है तो उनके बच्चों को यह बीमारी 30 वर्ष की उम्र में हो सकती है।
एक अन्य अध्ययन में यह पाया गया कि पुरुषों में मधुमेह रोग होने की दर महिलाओं की अपेक्षा अधिक है।इसके साथ ही इस बात का भी पता चला है कि मधुमेह का खतरा उन लोगों में अधिक है जिनका खान-पान पर कोई नियंत्रण नहीं है और शारीरिक गतिविधि के मामले में बहुत कम सक्रिय हैं।
इसके साथ ही साथ मोटापा और हाई कोलेस्ट्रॉल जैसी समस्याओं से जूझ रहे व्यक्तियों के लिए मधुमेह का खतरा काफी बढ़ जाता है। अमूमन मधुमेह है या डायबिटीज की समस्या पहले व्यक्ति को 50 वर्ष की उम्र के बाद देखने को मिलती थी किंतु वही आजकल यह समस्या 30 वर्ष की उम्र से ही दिखाई देने लगती हैं।
जब मधुमेह इस अवस्था में होता है तो यह आंख, किडनी और हृदय आदि अंगों को भी प्रभावित करता है।मधुमेह रोगियों के पैर अक्षर जूते के गलत साइज से प्रभावित होते हैं और कई बार पैरों में घाव बन जाता है। इसके लिए डॉक्टर्स पैरों को स्कैन करने की टेक्नोलॉजी का प्रयोग जूतों का सही साइज बनाने के लिए कर रहे हैं।
डॉक्टर्स की टीम ने यह भी बताया कि वे आगामी मधुमेह दिवस 14 नवंबर को लोगों को जागरूक करेंगे और मधुमेह पर अनुसंधान करते रहेंगे और इस बात का भी पता लगाएंगे कि मधुमेह हृदय और प्रजनन अंगों पर कैसा प्रभाव डालता है।