मिल गया हाइड्रोसील ( Hydrocele ) का सबसे बेहतरीन इलाज़। जानिए हाइड्रोसील का कारण, लक्षण और इलाज बिल्कुल आसान भाषा में।

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हाइड्रोसील ( Hydrocele ) का सबसे बेहतरीन इलाज :

नमस्कार दोस्तों... स्वागत है आप सभी का औषधि और योग में।
दोस्तों... आज हम जानेंगे पुरुषों में होने वाली एक बहुत ही आम बीमारी हाइड्रोसील के बारे में। 
और साथ ही साथ हम जानेंगे हाइड्रोसील का कारण, लक्षण और चिकित्सा के बारे में विस्तार पूर्वक।

हाइड्रोसील का परिचय-

दोस्तों हाइड्रोसील पुरुषों में होने वाली बीमारी है। इस रोग की वजह से अंडकोष में पानी भर जाता है जिसके कारण उनका आकार बढ़ जाता है। बड़े हुए अंडकोष में लगातार दर्द बना रहता है जिससे रोगी को घूमने फिरने में बड़ी तकलीफ होती है।
ज्यादातर मामलों में या बीमारी अंडकोष के एक तरफ होती है लेकिन कई बार या दोनों तरफ भी हो जाती है।
जन्मजात बच्चों में भी यह बीमारी देखने को मिल जाती है जो जन्म के पहले वर्ष में स्वतः समाप्त हो जाती है। अधिकतर मामलों में यह बीमारी पुरुषों में अक्सर 40 वर्ष की उम्र के बाद बाद देखने को मिलती है।

हाइड्रोसील का कारण-

दोस्तों पुरुषों में हाइड्रोसील होने के कई कारण हो सकते हैं जिनमें मुख्य है-
1- खेलते समय क्रिकेट बॉल से चोट लग जाना,
2-साइकिल चलाते वक्त साइकिल का डंडा लग जाना,
3- अंडकोष पर अधिक दबाव पड़ना,
4- हद से ज्यादा भारी सामान उठाना,
5- सेक्स करते वक्त चोट लग जाना,
6- अनुवांशिक कारण की वजह से,
7-लंबे समय तक पेशाब रोके रखना,
8-शरीर में दूषित पदार्थ इकट्ठा होने से,
9- कई बार गलत खान-पान आदि से।

हाइड्रोसील का पता कैसे लगाएं-

दोस्तों हाइड्रोसील का पता लगाने के लिए डॉक्टर रोगी को अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट कराने की सलाह देता है। अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट में अंडकोष में भरा पानी का साफ-साफ दिखाई देता है।

हाइड्रोसील का इलाज-

दोस्तों हमें हाइड्रोसिल का इलाज कराने में जरा भी असावधानी नहीं बरतनी चाहिए और जल्द से जल्द इसका इलाज शुरू कर देना चाहिए।
बहुत शुरुआती स्टेज में इसका इलाज दवाओं से संभव है लेकिन समस्या बढ़ जाने पर रोगी को ऑपरेशन कराना पड़ जाता है।
एक अन्य विधि भी है जिसे एस्पिरेशन कहते हैं। इसे हिंदी में सूची वेधन भी कहा जाता है। इस विधि में अंडकोष में जमा पानी इंजेक्शन के जरिए निकाला जाता है। एस्पिरेशन करने के बाद sclerosing दवा को इंजेक्ट किया जाता है जिससे भविष्य में अंडकोष में पानी नहीं जमा होता है। विशेषज्ञों का मानना है इस विधि से इलाज करने पर भविष्य में पुनः हाइड्रोसील होने की संभावना अत्यंत कम हो जाती है। 

Disclaimer:  किसी भी प्रकार का इलाज  किसी डॉक्टर या एक्सपर्ट  की  देखरेख  में ही शुरू करें। साथ ही अपनी मेडिकल स्थिति के बारे में डॉक्टर को सही व पूरी जानकारी दें | स्वेच्छा से किसी दवा का  सेवन करना हानिकारक साबित हो सकता है |

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Ashok Kumar

हैलो दोस्तों, मेरा नाम अशोक कुमार है। मैं www.aushadhiauryog.com का फाउंडर हूं। मैं उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ जिले से हूं। मैंने अपनी स्कूली शिक्षा आपने होम टाउन से ग्रहण की और इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद ब्लॉगिंग में करियर की शुरुआत सन 2015 से की है। साथ ही साथ मैं यूट्यूब पर भी विडियोज बनाता हूं। मुझे आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा का ज्ञान आप सभी के साथ शेयर करना बहुत पसंद है। कृपया आप सभी हमारे परिवार का हिस्सा बनें और औषधि और योग की धरोहर को आगे बढ़ाने में हमारा सहयोग करें। धन्यवाद।

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