पुदीना के फायदे और नुकसान- Health Benefits of Mint

health benefits of mint


पुदीना का परिचय

पुदीना सबसे ज्यादा अपने अनोखे स्वाद के लिए जाना जाता है । पुदीने का इस्तेमाल औषधि के रूप में हो रहा है। पुदीने की चटनी ना सिर्फ जायका बढ़ाती है, बल्कि स्वास्थ्यवर्धक भी होती है।

सामान्य तौर पर पुदीने का उपयोग दंत मंजन, टूथपेस्ट, chuegaans , माउथ फ्रेशनर, कैंडीज ,इनहेलर आदि में किया जाता है। इसके अलावा भी आयुर्वेद में पुदीने का उपयोग अन्य रोगों के इलाज में भी होता है। आइए जानते हैं ,पुदीने के बारे में।

पुदीना क्या है ?

पुदीना का पेड़ कई प्रजातियां में पाया जाता है ।लेकिन औषधि और आहार के लिए मेंथा स्पीक्ता लिन्न का ही प्रयोग किया जाता है । पुदीना पहाड़ी इलाके में अधिक होता है।

आयुर्वेद के अनुसार पुदीना और वात दोष का प्रयोग मल मूत्र संबंधित बीमारियां और शारीरिक कमजोरी दूर करने के लिए भी कर सकते हैं ।यह पेचिश ,पेट के रोग ,लीवर ,दस्त ,बुखार आदि विकार को ठीक करने के लिए भी उपयोग में लाया जाता है।

पुदीने के फायदे-

बहुत ही कम लोगों को पता है, कि पुदीना एक ऐसी जड़ी बूटी है ।जो औषधि के रूप में काम करती है ।आइए जानते हैं कि आप किन किन बीमारियों में और कैसे काम आती है।

मुंह के छाले की परेशानी को कम करें पुदीना का पत्ता-

मुंह के छाले की परेशानी में पुदीने के पत्ते का काढ़ा बना लें। इससे गरारा करने से मुंह के छाले की समस्या ठीक होती है।

बालों को झड़ते हुए रोकने में फायदेमंद पुदीना-

अक्सर देखा जाता है कि बालों की समस्या से हर व्यक्ति परेशान रहता है । चाहे वह बूढ़ा हो या जवान स्त्री हो या पुरुष लेकिन पुदीना आपके वातसामक गुण के कारण बालों को रूखेपन को कम करने में सहयोग देता है।

यह बेजान बालों को झड़ने और टूटने एवं रूसी कम होती है। जिससे बाल प्राकृतिक रूप से बढ़ने लगते हैं।

मासिक धर्म में एठन और दर्द को दूर करने में पुदीने के फायदे-

आपने सुना ही होगा कि हर स्त्री को मासिक धर्म में परेशानियां उठानी पड़ती हैं ।मासिक धर्म में दर्द और ऐठन यानि क्रैंप का कारण बना हुआ वात दोष होता है । पुदीना का सेवन करने से हम इस दर्द और ऐठन को दूर कर सकते हैं। क्योंकि इसमें वात शामक और उष्ण गुण होते हैं जो दर्द और ऐठन में राहत देते हैं।

शरीर की जलन में फायदेमंद पुदीना का उपयोग-

शरीर की जलन से छुटकारा पाने के लिए पुदीने के पत्तों का काढ़ा बना लें। इसे 15 मिली पीने से जलन कम होता है। शरीर के जलन को कम करने में पुदीना के औषधि गुण फायदेमंद होता है।

शलीपद या हाथी पाव रोग में फायदेमंद पुदीना-

शलीपद यह एक रोग है। जो पांव पर होता है ।इसे हाथी पाव भी कहा जाता है। शलीपद या हाथी पाव होने पर पैर हाथी की तरह फूल जाता है और दर्द होने के कारण चलने फिरने में कठिनाई होती है।

हाथी पांव के दर्द से राहत पाने के लिए आपको पुदीना का काढ़ा बना ले। इसको 15 से 20 मिली की मात्रा में सेवन करें।

बुखार में फायदेमंद पुदीना का उपयोग-

अक्सर देखा जाता है, कि मौसम बदलने पर सभी को हल्का सा बुखार हो जाता है ।दवाइयां या घरेलू उपयोग की जरूरत होती है। तो आप बुखार आने पर पुदीने के पत्तों का काढ़ा बनाकर पीएं इससे बुखार में आराम मिलता है ।

पुदीने की चटनी बनाकर खाने से बुखार और बुखार से होने वाली सभी बीमारियों को दूर रखता है। और इससे भूख की कमी ठीक होती है ।पुदीना के औषधि गुण बुखार से जल्दी आराम दिलाने में मदद करता है।

पुदीना का उपयोग भाग-

आयुर्वेद में पुदीना का पत्ता और पंचांग का प्रयोग सबसे ज्यादा होता है।

पुदीना का इस्तेमाल कैसे करें-

बीमारी के लिए पुदीना का सेवन करने से इसके बारे में पहले ही बताया गया है। अगर आप किसी खास बीमारी के लिए इलाज के लिए पुदीना का उपयोग कर रहे हैं ।तो आयुर्वेदिक चिकित्सा की सलाह जरूर लें।

अक्सर देखा जाता है, कि लोगों को अपच की समस्या हो जाती है ।यह अधिक भोजन कर लेने से होती है ।जब पेट में भोजन पच नहीं पाता है । तो आपको अपच जैसी समस्या का सामना करना पड़ता है। इसी तरह अपच की समस्या होती है ।

इसमें नींबू तथा पुदीना तथा अदरक के 100-100 मिली रस लें । इसमें 2 गुना 200 ग्राम खाड़ मिला ले । इसे चांदी के बर्तन में पका लें। इस काढ़ा को 20 मिली मात्रा में सेवन करें। इससे अपच की समस्या ठीक होती है।

पुदीने के अधिक सेवन से साइड इफेक्ट-

पुदीने के अधिक सेवन करने से यह साइड इफेक्ट भी होते हैं।

    • आंत विकार
    • सेक्स करने की इच्छा में कमी आदि।

पुदीना कहां पाया या उगाया जाता है ?

भारत में प्रायः सभी स्थानों पर पुदीना की खेती की जाती है। यह बाग बगीचे तथा घरों में भी लगाया जाता है ।ईरान तथा अरब आदि देशों में पुदीना का इस्तेमाल बहुत सालों से किया जा रहा है।

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Ashok Kumar

हैलो दोस्तों, मेरा नाम अशोक कुमार है। मैं www.aushadhiauryog.com का फाउंडर हूं। मैं उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ जिले से हूं। मैंने अपनी स्कूली शिक्षा आपने होम टाउन से ग्रहण की और इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद ब्लॉगिंग में करियर की शुरुआत सन 2015 से की है। साथ ही साथ मैं यूट्यूब पर भी विडियोज बनाता हूं। मुझे आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा का ज्ञान आप सभी के साथ शेयर करना बहुत पसंद है। कृपया आप सभी हमारे परिवार का हिस्सा बनें और औषधि और योग की धरोहर को आगे बढ़ाने में हमारा सहयोग करें। धन्यवाद।

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