परिचय-
बवासीर, जिसे पाइल्स भी कहा जाता है, एक आम स्वास्थ्य समस्या है जो किसी को भी प्रभावित कर सकती है। इस रोग के कारण मुख्य रूप से गलत खान पान, गलत लाइफ स्टाइल और अनुवांशिकी को पाया गया है। यदि समय रहते इसका इलाज ना किया जाए, तो यह गंभीर समस्याओं का कारण बन सकती है। इस लेख में, हम आपको बवासीर के कारण और इलाज के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे, जिससे आपको इस समस्या को समझने और उसका उपचार करने में मदद मिलेगी।
बवासीर क्या है? bawaseer ki bimari
बवासीर, जिसे पाइल्स भी कहा जाता है, वसा के वृद्धि के कारण जोड़ की गई नसों की समस्या होती है। यह वृद्धि आमतौर पर गुदा या गुदाशय के चारों ओर की नसों में होती है जो आपकी मलद्वार के चारों ओर होती हैं। यह नसें सूजने के कारण दर्द, खुजली, और ब्लीडिंग का कारण बन सकती हैं।
बवासीर के कारण-bawasir ke karan, bawasir kaise hota hai
दोस्तों वैसे तो बवासीर के कई कारण हो सकते हैं, लेकिन सबसे प्रमुख कारण नीचे दिए जा रहे हैं, जिसकी सहायता से आप अपनी इस समस्या से प्रभावी तरीके से छुटकारा प्राप्त कर सकेंगे-
1. कब्ज़
कब्ज़ बवासीर की मुख्य कारण होती है, क्योंकि जब आप कठिनाइयों के साथ मल त्यागने का प्रयास करते हैं, तो आपकी नसों पर दबाव पड़ता है जो बवासीर का प्रमुख कारण बन सकता है।
2. ज्यादा बैठाव
अगर आप लम्बे समय तक एक ही स्थिति में बैठते हैं, तो यह बवासीर को बढ़ावा देता है क्योंकि इससे गुदा क्षेत्र में दबाव बढ़ सकता है। यदि समय रहते इसपर ध्यान न दिया जाये तो यह भी इस समस्या को आमंत्रण देता है।
3. ज्यादा वजन
अत्यधिक वजन वाले लोगों में गुदा क्षेत्र में दबाव बढ़ सकता है, जिससे बवासीर हो सकती है। इसलिए अपने खान पान पर अधिक ध्यान दें और मोटापा कम करने का प्रयास करें।
4. गर्भावस्था-
महिलाओं में अक्सर यह पाया गया है कि इस अवस्था के दौरान उनमे बवासीर की समस्या उत्पन्न हो जाती है। ऐसा गुदा क्षेत्र में दबाव बढ़ जाने के कारण होता है। अधिकांश
5. ज्यादा पानी की कमी
पर्याप्त पानी पीने से भी बवासीर हो सकती है, क्योंकि यह कब्ज़ को बढ़ावा देता है। पानी की अच्छी मात्रा लेते रहने से शरीर के विषाक्त पदार्थ बहार निकलते रहते हैं।
6. बढ़ी हुई उम्र
बढ़ी हुई उम्र में बवासीर का खतरा बढ़ जाता है, क्योंकि नसों की कमजोरी बढ़ जाती है। ऐसे में यदि कब्ज की समस्य भी हो जाती है तो बवासीर की समस्य बहुत बढ़ जाती है।
7. आलस्य और बिना योगाभ्यास के बैठकेसी
यदि आप बिना योगाभ्यास के बैठकेसी करते हैं और आलस्यपूर्ण जीवनशैली अपनाते हैं, तो बवासीर का खतरा बढ़ सकता है।
बवासीर के प्रकार-bawaseer ke prakar
बवासीर के तीन प्रकार होते हैं-
1. आम बवासीर (इंटरनल पाइल्स)
इस प्रकार की बवासीर गुदाशय के अंदर की नसों में होती है और आमतौर पर दर्द और खुजली का कारण बनती है, लेकिन बाहरी लक्षण नहीं होते हैं।
2. बाहरी बवासीर (एक्सटरनल पाइल्स)
इस प्रकार की बवासीर गुदा के बाहरी हिस्से में होती है और आमतौर पर दर्द और खुजली का कारण बनती है, जिसके साथ ही बाहरी गांठें भी हो सकती हैं।
3. मिश्रित बवासीर
इस प्रकार की बवासीर में नसों की स्थिति बाहर और अंदर दोनों में हो सकती है, और इसमें दर्द, खुजली, और ब्लीडिंग के लक्षण होते हैं।
बवासीर के लक्षण- bawaseer ke lakshan
बवासीर के लक्षण व्यक्ति के प्रकार और स्थिति पर निर्भर करते हैं, लेकिन यहां कुछ आम लक्षण दिए जा रहे हैं:
1. दर्द और खुजली
बवासीर के मुख्य लक्षणों में से एक है दर्द और खुजली, जो आपको बहुत परेशान कर सकते हैं।
2. ब्लीडिंग
बवासीर के सबसे सामान्य लक्षणों में से एक है ब्लीडिंग, जो मलद्वार से खून के साथ आती है।
3. गांठें
बवासीर के चरण के आधार पर, आपके गुदा क्षेत्र में गांठें हो सकती हैं, जिन्हें आप महसूस कर सकते हैं।
4. बवासीर का बढ़ना
बवासीर के बढ़ने के कारण आपके गुदा क्षेत्र में एक या एक से अधिक गांठें बन सकती हैं, जिन्हें आप महसूस कर सकते हैं।
बवासीर का इलाज-bawasir ka ilaaj
अब हम बवासीर के इलाज के बारे में बात करेंगे, लेकिन पहले हम यह जान लें कि बवासीर का इलाज व्यक्ति के बवासीर के प्रकार और गंभीरता पर निर्भर करता है।
1. घरेलू उपचार
बवासीर के आराम के लिए कुछ घरेलू उपचार हैं जो आपके लिए कारगर हो सकते हैं:
प्राकृतिक खाद्य पदार्थ
अपने आहार में प्राकृतिक फल, सब्जियां, और प्लेंट-फूड्स जैसे खाद्य पदार्थ शामिल करें। इनमें फाइबर और पोटैशियम होता है, जो कब्ज़ को कम करने में मदद कर सकते हैं।
पानी पीना
पानी पीने की सही मात्रा में रखना बवासीर को दूर रखने में मदद कर सकता है, क्योंकि यह कब्ज़ को कम करता है।
नींबू का रस
नींबू का रस बवासीर के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है। आप नींबू के रस को पानी में मिला कर पी सकते हैं।
सीताफल
सीताफल में फाइबर होता है और यह कब्ज़ को कम कर सकता है।
गर्म पानी से सित बैठना-bawaseer sitz bath
गर्म पानी में बैठने से बवासीर के दर्द में आराम मिल सकता है।
2. दवाएँ
बवासीर के इलाज के लिए दवाओं का उपयोग भी किया जा सकता है, लेकिन इनका प्रयोग डॉक्टर की सलाह के साथ ही करें। कुछ आम दवाएं शामिल हैं:
जेल्स और क्रीम्स
ये दवाएं बवासीर के दर्द और खुजली को कम करने में मदद कर सकती हैं।
गोंद कटीरा (इंडियन काटू)
गोंद कटीरा का उपयोग बवासीर के इलाज में किया जा सकता है। आप इसे ठंडे पानी के साथ ले सकते हैं।
पेनिकिलिन
बड़ी गंभीरता की स्थतियों में, डॉक्टर द्वारा दी जाने वाली दवाओं में से एक हो सकती है।
3. आयुर्वेदिक इलाज-bawaseer ka ayurvedic ilaaj
आयुर्वेदिक चिकित्सा भी बवासीर के इलाज के लिए एक विकल्प हो सकता है। यहां कुछ आयुर्वेदिक इलाज के उदाहरण हैं:
आर्षक्ट (Arshakuthar Ras)
यह आयुर्वेदिक दवा बवासीर के लिए प्रयोग की जाती है और दर्द और खुजली को कम कर सकती है।
अभयारिष्ट (Abhayarishta)
यह आयुर्वेदिक औषधि बवासीर के लिए उपयोगी होती है और कब्ज़ को कम करने में मदद कर सकती है।
त्रिफला चूर्ण (Triphala Churna)
यह चूर्ण बवासीर के इलाज के लिए आमतौर पर प्रयोग की जाती है, क्योंकि इसमें फाइबर होता है जो कब्ज़ को कम कर सकता है।
4. सर्जरी- hemroids surgery
अगर बवासीर की स्थिति बहुत गंभीर है और अन्य इलाज से सुधार नहीं हो रहा है, तो डॉक्टर सर्जरी की सलाह देते हैं। सर्जरी के द्वारा बवासीर को निकाला जा सकता है, लेकिन यह आखिरी विचार होना चाहिए।
बवासीर से बचाव-bawaseer se bachav
- बवासीर से बचाव के लिए कुछ उपाय हैं जो आपको इस समस्या से दूर रख सकते हैं:
- प्राकृतिक खाद्य पदार्थों का सेवन करें जो फाइबर से भरपूर होते हैं।
- पानी की अच्छी मात्रा में पीने से कब्ज़ को कम कर सकते हैं।
- लंबे समय तक एक ही स्थिति में बैठने से बचें और नियमित व्यायाम करें।
- सही तरीके से पेशाब और मल त्याग करें ताकि गुदा क्षेत्र में दबाव कम हो।
- बवासीर की स्थिति को गंभीर बनने से रोकने के लिए तुरंत डॉक्टर की सलाह लें।
निष्कर्ष
बवासीर एक चिकित्सीय समस्या हो सकती है, लेकिन सही देखभाल और इलाज के साथ इसका समाधान संभव है। यदि आपको बवासीर के लक्षण महसूस हो रहे हैं, तो आपको तुरंत डॉक्टर से मिलकर सलाह लेनी चाहिए। इसके साथ ही, स्वस्थ जीवनशैली और सही आहार का पालन करके आप इस समस्या से बच सकते हैं और अच्छे स्वास्थ्य का आनंद उठा सकते हैं।